Lever. यकृत
...Arogya...
*यकृत का बढना*
......लिवर,,यकृत में विकार पैदा हो जाने की ओर संकेत करता है। बढे हुए और शोथ युक्त लीवर के कोइ विशेष लक्षण नहीं होते हैं। यह रोग लीवर के केन्सर, खून की खराबी,अधिक शराब सेवन, और पीलिया के कारण उत्पन्न हो सकता है।
यहां मैं यकृत वृद्धि रोग के कुछ आसान उपचार प्रस्तुत कर रहा हूं जिनके समुचित प्रयोग से इस रोग को ठीक किया जा सकता है।
1. अजवाईन 3 ग्राम और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद पानी के साथ लेने से लीवर तिल्ली ,,के सभी रोग ठीक होते हैं।
2. दो सन्तरे का रस खाली पेट एक सप्ताह तक लेने से लीवर सुरक्षित रहता है।
3. एक लम्बा बेंगन प्रतिदिन कच्चा खाने से लीवर के रोग ठीक होते हैं।
4. दिन भर में 3 से 4 लिटर पानी पीने की आदत डालें।
5. एक पपीता रोज सुबह खाली पेट खावें। एक माह तक लेने से लाभ होगा। पपीता खाने के बाद दो घन्टे तक कुछ न खावें।
6. कडवी सहजन की फ़ली,करेला, गाजर,पालक और हरी सब्जीयां प्रचुर मात्रा में भोजन में शामिल करें।
7. शराब पीना लीवर रोगी के लिये बेहद नुकसान कारक है। शराब पीना यकृत रोग में मौत को बुलावा देने के समान है। रोग से मुक्ति पाना है तो शराब को छोडना ही होगा।
8. चाय काफ़ी , पीना हानिकारक है। भेंस के दूध की जगह गाय या बकरी का दूध प्रयोग करें।
9. हरी सब्जी और दालें लाभप्रद हैं।
10. भोजन कम मात्रा में लें।तली-गली,मसालेदार चीजों से परहेज करें।
11. मुलहठी में लिवर को ठीक रखने के गुण हैं। पान खाने वाले मुलहटी पान में शामिल करें।
12. आयुर्वेदिक कुमारी आसव इस रोग की रोकथाम के लिए ही है,, कुमारी आसव रोज, भोजन उपरांत पानी के साथ लेवे l
13. हमारी फार्मेसी द्वारा निर्मित मेदनाशक ,,गोधन वटी,,हर प्रकार की लीवर की बीमारियों में अपना चमत्कार दिखाती है