Dr Neha Verma

पेचिश,


स्वच्छ सौंफ 300 ग्राम और मिश्री 300 ग्राम लें। सौंफ के दो बराबर हिस्से कर लें। एक हिस्सा तवे पर भून लें। भुनी हुई और बची हुई सौंफ लेकर बारीक पीस लें और उतनी ही मिश्री (पिसी हुई) मिला लें। इस चूर्ण को छः ग्राम (दो चम्मच) की मात्रा से दिन में चार बार खायें। ऊपर से दो घूँट पानी पी सकते हैं। आंवयुक्त पेचिश - नयी या पुरानी (मरोड़ देकर थोडा-थोडा मल तथा आंव आना) के लिए रामबाण है। सौंफ खाने से बस्ती-शूल या पीड़ा सहित आंव आना मिटता है। या दही, भात, मिश्री के साथ खाने से आंव-मरोड़ी के दस्तों में आराम आता है। या मैथी (शुष्क दाना) का साग बनाकर रोजाना खावें अथवा मैथी दाना का चूर्ण तीन ग्राम दही में मिलाकर सेवन करें। आंव की बिमारी में लाभ के अतिरिक्त इससे पेशाब का अधिक आना भी बन्द होता है। प्रतिदिन मैथी का साग खाने से आंव की बिमारी अच्छी होती है। और पेशाब का अधिक आना बन्द होता है। सत ईसबगोल को दही में मिला कर सुबह शाम सेवन करें बेल का मुरब्बा या बेल का शरबत दिन तीन बार सेवन करें (लेकिन डायबिटीज रोगी केवल बेल के गूदे (pulp) ka प्रयोग करें